BY KHUSHBU SINGH
आजकल सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया किसी को बदनाम करने का मात्र बहाना ढूँढती रहती है । मात्र व्यू के लिए वो हेड्लाइन के माध्यम से सनसनी फैलाने में लगी रहती है । खासकर अगर मामला भाजपा से जुड़ा हो तो कई मीडिया समूह डिजिटल प्लेटफ़ार्म पर रायता फैलाने से बाज़ नहीं आती है । ऐसा ही हुआ सोलह अगस्त २०१९ की रात । अगले दिन रवि किशन का जन्मदिन था इसीलिए उनके सहकर्मियो ने केक काटने का प्लान बनाया । रात बारह बजे रवि किशन ने कुछ लोगों की मौजूदगी में केक काटा । रवि किशन ने वहाँ मौजूद सभी लोगों को बारी बारी से केक खिलाया । उन्हीं में से एक थे पांडेय जी । इस का video सोशल मीडिया पर जैसे ही आया वयरल होने लगा क्यूँकि video में रवि किशन , पांडे जी को केक खिलाते हुए कहते है - पांडे जी मेरी जीत के लिए काफ़ी मेहनत किए आइए केक खाइए । सबसे पहले सबसे तेज़ चैनल का दावा करने वाले आज तक के डिजिटल टीम को इस विडीओ पर नज़र पड़ी , वो लोग ऐसे उछले जैसे कोई बड़ा मसाला मिल गया है उन्हें । एक बड़ी सी न्यूज़ उनके website पर आ गई की भाजपा सांसद रवि किशन ने एक पुलिस ऑफ़िसर को केक खिलाते हुए कहा की उनकी वजह से जीत हुई । मामला संगीन था भला एक पुलिस अधिकारी ने रवि किशन की मदद कैसे की ? बस क्या था डिजिटल प्लेटफ़ार्म पर भाजपा विरोधी मीडिया का तमग़ा लगाए घूमने वाले सैकड़ों websites पर यह ख़बर घूमने लगी । अगले दिन रवि किशन ने उनकी पोल खोल दी क्यूँकि जिस पांडे जी को आजतक , जनसत्ता जैसी website कोई पुलिस अधिकारी बता रहे थे वे चुनाव के दौरान सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा के लिए मिले पुलिस कर्मियों की गाड़ी के चालक निकले । ये रवि किशन की दरियादिली ही कही जाएगी की उन्होंने अपनी जीत का श्रेय उन्हें दिया । रवि किशन ने हँसते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान इस्कॉर्ट गाड़ी सबसे आगे रहती थी और पांडेय जी एक कुशल वाहन चालक है जिनकी वजह से हर जगह हमलोग समय पर पहुँचे । अब जब हक़ीक़त सामने आइ तो डिजिटल प्लेटफ़ार्म पर वही websites अपनी मुँह छुपाते नज़र आ rahe हैं
आजकल सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया किसी को बदनाम करने का मात्र बहाना ढूँढती रहती है । मात्र व्यू के लिए वो हेड्लाइन के माध्यम से सनसनी फैलाने में लगी रहती है । खासकर अगर मामला भाजपा से जुड़ा हो तो कई मीडिया समूह डिजिटल प्लेटफ़ार्म पर रायता फैलाने से बाज़ नहीं आती है । ऐसा ही हुआ सोलह अगस्त २०१९ की रात । अगले दिन रवि किशन का जन्मदिन था इसीलिए उनके सहकर्मियो ने केक काटने का प्लान बनाया । रात बारह बजे रवि किशन ने कुछ लोगों की मौजूदगी में केक काटा । रवि किशन ने वहाँ मौजूद सभी लोगों को बारी बारी से केक खिलाया । उन्हीं में से एक थे पांडेय जी । इस का video सोशल मीडिया पर जैसे ही आया वयरल होने लगा क्यूँकि video में रवि किशन , पांडे जी को केक खिलाते हुए कहते है - पांडे जी मेरी जीत के लिए काफ़ी मेहनत किए आइए केक खाइए । सबसे पहले सबसे तेज़ चैनल का दावा करने वाले आज तक के डिजिटल टीम को इस विडीओ पर नज़र पड़ी , वो लोग ऐसे उछले जैसे कोई बड़ा मसाला मिल गया है उन्हें । एक बड़ी सी न्यूज़ उनके website पर आ गई की भाजपा सांसद रवि किशन ने एक पुलिस ऑफ़िसर को केक खिलाते हुए कहा की उनकी वजह से जीत हुई । मामला संगीन था भला एक पुलिस अधिकारी ने रवि किशन की मदद कैसे की ? बस क्या था डिजिटल प्लेटफ़ार्म पर भाजपा विरोधी मीडिया का तमग़ा लगाए घूमने वाले सैकड़ों websites पर यह ख़बर घूमने लगी । अगले दिन रवि किशन ने उनकी पोल खोल दी क्यूँकि जिस पांडे जी को आजतक , जनसत्ता जैसी website कोई पुलिस अधिकारी बता रहे थे वे चुनाव के दौरान सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा के लिए मिले पुलिस कर्मियों की गाड़ी के चालक निकले । ये रवि किशन की दरियादिली ही कही जाएगी की उन्होंने अपनी जीत का श्रेय उन्हें दिया । रवि किशन ने हँसते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान इस्कॉर्ट गाड़ी सबसे आगे रहती थी और पांडेय जी एक कुशल वाहन चालक है जिनकी वजह से हर जगह हमलोग समय पर पहुँचे । अब जब हक़ीक़त सामने आइ तो डिजिटल प्लेटफ़ार्म पर वही websites अपनी मुँह छुपाते नज़र आ rahe हैं
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