भोजपुरी फिल्मों की स्टार अभिनेत्री गुंजन पन्त इन दिनों काफी नाराज़ नज़र आ रही हैं। उनको तकलीफ है की जिस तरह से अभिनेत्रियों को ज्यादातर फिल्मों में दिखाया जाता है, वह सरासर गलत है। गुंजन पन्त से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि यह सच है कि हमारा देश एक पुरुष प्रधान देश है किन्तु यह भी सच है कि बिना नारी के इस सृष्टि का निर्माण ही संभव नहीं है। नारी इस समाज में एक भूमिका अहम भूमिका निभाती है। बिना नारी तो पुरुष का अस्तित्व ही संभव नहीं तो फिर क्यूँ फिल्मों में औरतों को शोपीस बना के रखा जाता है? सिर्फ गाने और रोमांटिक सीन में उन्हें प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन गुंजन पन्त इस तरह तरह की फिल्मों से सहमति नहीं रखती हैं। वह खुश है कि उन्होंने लक्ष्मण रेखा और कोठा जैसे नारी प्रधान विषय पर काम किया।
शीघ्र ही प्रदर्शित होने जा रही उनकी फिल्म- कोठा में उन्होंने दबंग प्रेस रिपोर्टर की भूमिका निभाई है। बाबा का दालान इंटरटेनमेंट के बैनर तले निर्मित इस फिल्म के निर्देशक- मनोज श्रीपति हैं और मुख्य भूमिका में गुंजन पन्त के अलावा पवन झा, रिंकू घोष एवं संजय पाण्डेय हैं।
वह कहती हैं कि *जिस प्रकार कोठा में काम करते वक़्त मुझे उस दर्द का अनुभव किया जोकि कोठे रहने कोठे पर रहने वाली एक औरत को झेलना पड़ता है। औरतों को ना कि हक़ बल्कि इज्ज़त भी मिलनी चाहिए। फिल्म- कोठा में मैं जुर्म के खिलाफ लड़ती हुई नज़र आउंगी और समाज में हो रहे भ्रष्टाचार का परदाफाश करुँगी।*
गुंजन पन्त असल ज़िन्दगी में भी ऐसी ही हैं। वैसे तो वह बहुत शांत स्वाभाव की हैं मगर उनके आस-पास कुछ भी गलत
होने पर उनसे बच पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकीन है। उम्मीद करते हैं कि खूबसूरत अभिनेत्री *गुंजन पन्त* की दबंगई बरक़रार रहे और वह अर्थपूर्ण सिनेमा करते हुए सिनेप्रेमियों का मनोरंजन हमेशा करती रहें।
udaybhagat@gmail.com
Monday, March 11, 2013
We are not Show piece - Gunjan pant
औरते सिर्फ शोपिस नहीं है - गुंजन पन्त
भोजपुरी फिल्मों की स्टार अभिनेत्री गुंजन पन्त इन दिनों काफी नाराज़ नज़र आ रही हैं। उनको तकलीफ है की जिस तरह से अभिनेत्रियों को ज्यादातर फिल्मों में दिखाया जाता है, वह सरासर गलत है। गुंजन पन्त से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि यह सच है कि हमारा देश एक पुरुष प्रधान देश है किन्तु यह भी सच है कि बिना नारी के इस सृष्टि का निर्माण ही संभव नहीं है। नारी इस समाज में एक भूमिका अहम भूमिका निभाती है। बिना नारी तो पुरुष का अस्तित्व ही संभव नहीं तो फिर क्यूँ फिल्मों में औरतों को शोपीस बना के रखा जाता है? सिर्फ गाने और रोमांटिक सीन में उन्हें प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन गुंजन पन्त इस तरह तरह की फिल्मों से सहमति नहीं रखती हैं। वह खुश है कि उन्होंने लक्ष्मण रेखा और कोठा जैसे नारी प्रधान विषय पर काम किया।
शीघ्र ही प्रदर्शित होने जा रही उनकी फिल्म- कोठा में उन्होंने दबंग प्रेस रिपोर्टर की भूमिका निभाई है। बाबा का दालान इंटरटेनमेंट के बैनर तले निर्मित इस फिल्म के निर्देशक- मनोज श्रीपति हैं और मुख्य भूमिका में गुंजन पन्त के अलावा पवन झा, रिंकू घोष एवं संजय पाण्डेय हैं।
वह कहती हैं कि *जिस प्रकार कोठा में काम करते वक़्त मुझे उस दर्द का अनुभव किया जोकि कोठे रहने कोठे पर रहने वाली एक औरत को झेलना पड़ता है। औरतों को ना कि हक़ बल्कि इज्ज़त भी मिलनी चाहिए। फिल्म- कोठा में मैं जुर्म के खिलाफ लड़ती हुई नज़र आउंगी और समाज में हो रहे भ्रष्टाचार का परदाफाश करुँगी।*
गुंजन पन्त असल ज़िन्दगी में भी ऐसी ही हैं। वैसे तो वह बहुत शांत स्वाभाव की हैं मगर उनके आस-पास कुछ भी गलत
होने पर उनसे बच पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकीन है। उम्मीद करते हैं कि खूबसूरत अभिनेत्री *गुंजन पन्त* की दबंगई बरक़रार रहे और वह अर्थपूर्ण सिनेमा करते हुए सिनेप्रेमियों का मनोरंजन हमेशा करती रहें।
udaybhagat@gmail.com
भोजपुरी फिल्मों की स्टार अभिनेत्री गुंजन पन्त इन दिनों काफी नाराज़ नज़र आ रही हैं। उनको तकलीफ है की जिस तरह से अभिनेत्रियों को ज्यादातर फिल्मों में दिखाया जाता है, वह सरासर गलत है। गुंजन पन्त से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि यह सच है कि हमारा देश एक पुरुष प्रधान देश है किन्तु यह भी सच है कि बिना नारी के इस सृष्टि का निर्माण ही संभव नहीं है। नारी इस समाज में एक भूमिका अहम भूमिका निभाती है। बिना नारी तो पुरुष का अस्तित्व ही संभव नहीं तो फिर क्यूँ फिल्मों में औरतों को शोपीस बना के रखा जाता है? सिर्फ गाने और रोमांटिक सीन में उन्हें प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन गुंजन पन्त इस तरह तरह की फिल्मों से सहमति नहीं रखती हैं। वह खुश है कि उन्होंने लक्ष्मण रेखा और कोठा जैसे नारी प्रधान विषय पर काम किया।
शीघ्र ही प्रदर्शित होने जा रही उनकी फिल्म- कोठा में उन्होंने दबंग प्रेस रिपोर्टर की भूमिका निभाई है। बाबा का दालान इंटरटेनमेंट के बैनर तले निर्मित इस फिल्म के निर्देशक- मनोज श्रीपति हैं और मुख्य भूमिका में गुंजन पन्त के अलावा पवन झा, रिंकू घोष एवं संजय पाण्डेय हैं।
वह कहती हैं कि *जिस प्रकार कोठा में काम करते वक़्त मुझे उस दर्द का अनुभव किया जोकि कोठे रहने कोठे पर रहने वाली एक औरत को झेलना पड़ता है। औरतों को ना कि हक़ बल्कि इज्ज़त भी मिलनी चाहिए। फिल्म- कोठा में मैं जुर्म के खिलाफ लड़ती हुई नज़र आउंगी और समाज में हो रहे भ्रष्टाचार का परदाफाश करुँगी।*
गुंजन पन्त असल ज़िन्दगी में भी ऐसी ही हैं। वैसे तो वह बहुत शांत स्वाभाव की हैं मगर उनके आस-पास कुछ भी गलत
होने पर उनसे बच पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकीन है। उम्मीद करते हैं कि खूबसूरत अभिनेत्री *गुंजन पन्त* की दबंगई बरक़रार रहे और वह अर्थपूर्ण सिनेमा करते हुए सिनेप्रेमियों का मनोरंजन हमेशा करती रहें।
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